
परिवर्तिनी एकादशी का महूर्त , इस बार बन रहा है विशेष : जानिये पूरी जानकारी
परिवर्तिनी एकादशी इस बार 29 अगस्त 2020 और 30 अगस्त को मनाया जाएगा। यहमुहूर्त विष्णु भगवान् के भक्तो के लिए बेहद ख़ास है। इस मौके पर भगवान् विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जायेगी। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी को पद्या एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इसे परिवर्तिनी एकादशी इसलिए कहा जाता है , क्यों कि भगवान् विष्णु इस मुहर्त पर विश्राम के दौरान करवट बदलते है। शास्त्रों के मुताबिक भगवान् विष्णु करवट बदलते वक़्त प्रसन्नचित मुद्रा में रहते है। इस समय उनसे भक्त जो भी मांगते है , वे निश्चित तौर पर उसे पूरा करते है।
शुभ संयोग
इस बार एक ख़ास संजोग दिखाई दे रहा है। इस बार द्वादशी तिथि भी साथ में लग रही है। यह तिथि शनिवार , 29 अगस्त के दिन सवेरे आठ बजकर अठारह मिनट , पर एकादशी तिथि खत्म होगी और द्वादशी तिथि शुरू हो जायेगी। इन दोनों तिथियों का साथ में होने का विशेष महत्व है। यह एक शुभ योग है। इस योग में आपके हर कार्य सफल होंगे। भगवान विष्णु की आराधना करने से लोगो की सारी तकलीफें दूर हो जायेगी। सभी लोगो की जिंदगी में सुख और शान्ति का निवास होगा।
परिवर्तनी एकादशी की अहमियत
इस दिन विष्णु जी के भक्त व्रत रखते है। इस व्रत का वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है। इस दिन भक्त सम्पूर्ण श्रद्धा और भक्ति से व्रत रखते है , जिसके कारण उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथाओ में ऐसा माना गया है कि विष्णु अपने पांचवे अवतार का रूप लेकर धरती पर आये थे। इस दिन क्यूंकि विष्णु वामन अवतार लेकर प्रकट हुए थे , इसलिए इसे वामन जयंती भी कहा जाता है।
परिवर्तनी एकादशी के दौरान भक्तो की विशेष पूजा
इस शुभ मुहूर्त पर , आपको सर्वप्रथम स्नान कर साफ़ पोषाक पहनने होंगे। जिस स्थान पर आप पूजा करेंगे , उसको गंगाजल से अच्छे से पवित्र करे। भगवान् की चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछा ले। भगवान् लक्ष्मी और नारायण की मूर्ति को स्थापित करे। आप भगवान् विष्णु जी की तस्वीर लगाकर भी पूजा कर सकते है।भगवान् विष्णु की मन से पूजा करे और चंदन से तिलक करे। विष्णु के आगे पीले फूल, पंचामृत और तुलसी के पत्ते चढ़ाये। विष्णु चालीसा एवंग विष्णु सहस्त्रनाम का श्रद्धा से पाठ अवश्य रूप से करे। सभी मंत्रो का भली भाँती जाप करे। भगवान् विष्णु , लक्ष्मी -नारायण भगवान् की आरती करे। एक बात का विशेष ध्यान रखे पीले रंग की मिठाई और पीले रंग का फल चढ़ाये।इस दिन ज़रूरतमंद और गरीब लोगो को अन्न -वस्त्र का दान करे। इस विशेष दिन पर अन्न का सेवन कदापि ना करे।
Parivartini ekadashi 2020 की तिथि
एकादशी तिथि की शुरुआत 28 अगस्त २०२० को शुक्रवार की सुबह 8. 38 मिनट से लेकर अगले दिन 29 अगस्त शानिवार की सुबह 8.18 मिनट पर समाप्त हो जायेगी और फिर द्वादशी रविवार 30 अगस्त सवेरे 5.58 मिनट से लेकर शाम 8 .21 मिनट तक रहेगा।