
राजस्थान के करौली जिले में एक मंदिर के पुजारी को बड़ी ही बेरहमी के साथ पेट्रोल डालकर जला देने का मामला सामने आया है। बता दूं की गंभीर रूप से घायल पुजारी की इलाज के दौरान ही मौत हो चुकी है। इस वाकीए को लेकर ऐसा कहा जा रहा है, कि मंदिर की जमीन पर कब्जा कर लेने के कारण यहां विवाद चल रहा था।
जिसमें 6 लोगों के नाम सामने आ रही है, जिसने मंदिर के पुजारी को जिंदा जला देने की कोशिश की यह मामला राजस्थान के करौली जिले के सपोटरा स्थित एक छोटे से गांव बुकना का बताया जा रहा है। आग मे बुरी तरह से झुलस जाने के कारण पुजारी गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। वही अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
यह घटना करौली के सपोर्टर थाना इलाके की ग्राम पंचायत बुकना का है। यहां के मंदिर में 50 साल के बाबूलाल वैष्णव ही पूजा किया करते थे और मंदिर माफी की भूमि भी उन्हीं के कब्जे में थी लेकिन गांव के सबसे दबंग कैलाश मीणा की नजर इस जमीन पर गड़ी हुई थी। इस जमीन पर कब्जा कर अपने नाम करने के लिए ही आरोपी कैलाश मीणा ने पुजारी पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी।
मौके पर पहुंची एफएसएल की टीम
मामला में रफ्तार तब आई जब मंदिर के पुजारियों ने मंदिर कि जमीन पर कब्जा करने वालो के खिलाफ विरोध किया जिसका नतीजा हम सबके सामने हैं। विरोध करने वाले पुजारी पर आग लगाकर उसे मौत के घाट उतार दिया।
हालांकि, पुलिस इस मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों को भी गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है। खबर के मुताबिक एफएसएल ने मौके पर पहुंचकर सबूत इकट्ठे कर लिए है।
पुरोहितों ने दी आंदोलन की चेतावनी
इस मामले के बाद जयपुर में फाइट फॉर राइट श्री परशुराम सेना इत्यादि संगठनों के पदाधिकारी पुजारियों पर हुए इस अत्याचार को लेकर अस्पताल पहुंचे और श्री परशुराम सेना के संयोजक अनिल चतुर्वेदी ने करौली के एसपी मृदुल कछवाहा से आरोपियों की गिरफ्तारी की तुरंत मांग की है।
साथ ही यह चेतावनी भी दी है, कि यदि अपराधियों की गिरफ्तारी जल्द से जल्द नहीं हुई तो वे आंदोलन शुरु कर देंगे।
इतना कुछ होने के बाद भी राहुल गांधी खामोश क्यों ??
इस दर्दनाक और दिल दहला देने वाले मामले के बाद के राजस्थान सरकार की कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है। सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है, कि जहां कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी उत्तर प्रदेश के सरकार और
उनके कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार को अपने निशाने में लिए हुए हैं। वहीं दूसरी ओर राजस्थान में अपनी ही पार्टी की सरकार अशोक गहलोत की नाक के नीचे हो रहे दहशत नाक मामले पर अब भी चुप्पी साधे हुए है।