
ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया का कहना है कि वैक्सीन के लिए लोगों को 1 साल तक इंतजार करना होगा। लगातार 9 महीने से कोरोनावायरस के खिलाफ जो जंग चल रही है।
लोगों को उसके वैक्सीन का लगातार इंतजार करना पड़ रहा है। खबरों के मुताबिक 2022 तक वैक्सीन लोगों तक पहुंच सकेगी।
भारत में कोरोनावायरस के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय टास्क फोर्स बनाया गया है जिसके सदस्य डॉ रणदीप गुलेरिया भी है। वैक्सीन के आने पर कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता है।सीएनएन को दिए गए एक इंटरव्यू के माध्यम से उन्होंने कहा है कि देश में जनसंख्या काफी अधिक है लेकिन वैक्सीन की भी उतनी ही जरूरत है।
वैक्सीन के आने पर लोगों को करना पड़ेगा इन चुनौतियों का सामना:
डॉक्टर गुलेरिया का कहना है कि हमें सबसे अधिक ध्यान इस बात पर लगाना होगा कि वैक्सीन लोगों तक अधिक से अधिक मात्रा में पहुंच सके। इसके अलावा यह भी जरूरी है कि कोल्ड चैन बने रहें और पर्याप्त सिरिंज और सुई भी उपलब्ध हो। इसके अलावा एक और चुनौती यह है कि व्यक्ति की स्थिति को पता लगाना भी बेहद जरूरी है।
डॉक्टर गुलेरिया ने कहा है कि कोरोनावायरस के लिए जो व्यक्ति का आ रहा है यदि उसके जगह पर दूसरा टीका आ जाता है तो वह पहले वाले से ज्यादा ही इफेक्टिव होने वाला है। कोरोना के खात्मा के विषय में रणदीप गुलेरिया नहीं अभी कहा है कि टीकाकरण से कोरोनावायरस का संक्रमण पूरी तरह से खत्म नहीं होगा। भारत द्वारा शुक्रवार को या सभी को बताया गया है कि वह वैक्सीन तैयार करने में अपनी पूरी मदद देने वाला है।
कोरोनावायरस के दौरान कोरोना से बचने के लिए कुछ नियम जैसे मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करना और समय-समय पर हाथ सेनीटाइज करते रहना बेहद जरूरी है।